ज़िंदगी से बढ़कर, यकीनन
कोई बेवफ़ा नहीं होता।
'मौत' वो शह है जो सजा देती, यकीनन
तस्वीर तेरे घर मे।
लिखे नहीं दो अल्फाज कभी, यकीनन
बेवफाई म्रे गजल लिख जाते हैं
कहते जो वक्त नहीं मेरे लिये, यकीनन
खोजेगें मुझे वक़्त आने पर।
समन्दर पानी से भरा है, यकीनन
हर कोई फिर भी प्यासा ही जाता।
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